मंगल इत्र को खरीदनें के लिए लिंक पर क्लिक करे /https://energymover.in/product/mangal-mars-attar/
मंगल ग्रह को साहस, पराक्रम, ऊर्जा, भूमि, रक्त, भाई, युद्ध, सेना का कारक माना जाता है | आर्थिक समस्याएं, जमीन-जायदाद को लेकर विवाद या खरीदने और बेचने में दिक्कत हों, जोश में कमी हो, उसे गुर्दे में पथरी, ब्लड प्रेशर, गठिया, फोड़े-फुंसी आदि जैसे बीमारियां हो सकती हैं. , स्वभाव उग्र हो , , जिसके कारण हर व्यक्ति से संबंध खराब होते चले जाते हैं तो ऐसे व्यक्तिओं को इस इत्र का प्रयोग लाभ देता है |
अंक ज्योतिष में मंगल ग्रह को 9 अंक माना जाता है ,इस इत्र के प्रयोग से व्यक्ति के जीवन में नया जोश , आर्थिक लाभ, संबंधो में मधुरता, जमीन खरीदने/बेचने की रुकावट को दूर कर लाभदायक फल, मन को शांत कर गुसे में कमी आती है |
मंगल मंत्र- ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः’।
मंगल एकाक्षरी मंत्र – ॐ ॐ अंगारकाय नमः।
कोई भी देवता या ग्रह आपके लिए शुभ हो, अशुभ हो यानि मारकेश या बाधकेश हो तो उसके उपाए के रूप में उस ग्रह या देवता को नमन किया जाता है , उसके मंत्रो का उच्चारण किया जाता है , उसकी शांति या शुभ फल के लिए पूजन किया जाता है। पूजा की विधि कैसी भी हो उसमे फूलों और सुगंधिओं का ख़ास महत्व होता है। इस कारण से ही हमारे द्वारा सभी ग्रहो के इत्र विधि से बनाये गए है। जिसमे उस ग्रह या देवता के प्रिय फूलों की सुगंध एवं उसके मित्र ग्रहों या देवताओं के प्रिय सुगंधों का मिश्रण बनाया गया है। इसको इस्तेमाल करने से उस देवता या ग्रह का सन्मान होता है और उसके शुभ फल प्रपात होते है।
• आज के समय में बहुत से लोग इन बातों को केवल बहम मात्र बताते है लेकिन यह उनका निजी चुनाब है और हम उनका सन्मान करते है | जहाँ बताई विधिया और कहानियाँ पुरातन ग्रंथो और साधू संतो अदि से ही हम तक पहुचती है और इनमे विशवास करना मेरा निजी मत है | इस विधिओ के प्रयोग से पहले आप अपने गुरु से आज्ञा लेकर शुरू करे | *

