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शुक्र ग्रह को धन, संपत्ति, यश, ऐश्वर्य, सौंदर्य, शौहरत, कला, सुख, प्रेम संबंध, शारीरिक सुख, आकर्षण, गहने, वाहन, शानदार भोजन, संगीत, कामवासना, फैशन-डिजाइनिंग, वैभव का कारक माना गया है. अगर शुक्र साथ नहीं दे रहा हो तो सुविधा कितनी भी जुटा ले पर सुख नहीं मिलता है | अंक ज्योतिष में शुक्र का अंक 6 है जो कि भौतिक सुख, सुंदरता और धन का कारक अंक है। जिससे व्यक्ति आकर्षण का केंदर बनता है , व्योपार, सांझेदारी, रिलेशनशिप में कामजाब रहता है |
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शुक्र मंत्र- ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’।
शुक्र का एकाक्षरी मंत्र- ‘ॐ शुं शुक्राय नमः’।
शुक्र ग्रह को दैत्यों का गुरु माना जाता है, शुक्र ग्रह को शास्त्रों के ज्ञाता, तपस्वी और कवि माना जाता है | ग्रह का नामकरण प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी पर हुआ है। चंद्रमा के बाद यह रात्रि आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है। पौराणिक काथाओं में प्रचलित नाम शुक्राचार्य है, जिनके बाद संजीवनी विद्या थी और ये शिव के परम भक्त थे।