केतु इत्र खरीदनें के लिए लिंक पर क्लिक करें :- https://energymover.in/product/ketu-dragons-tail-attar/
केतु अगर खराब हो तो उन लोगों के जीवन में परेशानियों का दौर शुरू हो जाता है। ऐसे लोग अपनी पीड़ा भी किसी के समक्ष व्यक्त नहीं कर पाते है। इस स्तिथि में वे मन के अंदर ही अंदर घुटते रहते है। दुर्घटना का भय, हमेशा विवादों में रहता है,कानूनी मामलों में हार जाना | चर्म रोग ,कान खराब, कब्ज की समस्या हो जाती है|जिस ग्रह के साथ होते है उसके फल में कमी होती है | केतु के शुभ फल लेने के लिए केतु इत्र का प्रयोग करें और शुभ केतु जो परिवार को समृद्धि,अच्छा स्वास्थ्य, धन-संपदा व पशु-संपदा दिलाता है।यह ग्रह तर्क, बुद्धि, ज्ञान, वैराग्य, कल्पना, अंतर्दृष्टि, मानसिक गुणों, मोक्ष का कारक है। आत्मिक और आध्यात्मिक विकास देता है | अंक ज्योतिष में 7 नंबर को बहुत लकी माना जाता है. धार्मिकता, और विज्ञान के क्षेत्र में गहरी समझ होती है| यही लोग रिसर्चर होते है |
केतु का तांत्रिक मंत्र- ‘ॐ स्रां स्रीं स्रों सः केतवे नमः’।
केतु का एक अक्षरी मंत्र- ‘ॐ के केतवे नमः’।
कोई भी देवता या ग्रह आपके लिए शुभ हो, अशुभ हो यानि मारकेश या बाधकेश हो तो उसके उपाए के रूप में उस ग्रह या देवता को नमन किया जाता है , उसके मंत्रो का उच्चारण किया जाता है , उसकी शांति या शुभ फल के लिए पूजन किया जाता है। पूजा की विधि कैसी भी हो उसमे फूलों और सुगंधिओं का ख़ास महत्व होता है। इस कारण से ही हमारे द्वारा सभी ग्रहो के इत्र विधि से बनाये गए है। जिसमे उस ग्रह या देवता के प्रिय फूलों की सुगंध एवं उसके मित्र ग्रहों या देवताओं के प्रिय सुगंधों का मिश्रण बनाया गया है। इसको इस्तेमाल करने से उस देवता या ग्रह का सन्मान होता है और उसके शुभ फल प्रपात होते है।
- आज के समय में बहुत से लोग इन बातों को केवल बहम मात्र बताते है लेकिन यह उनका निजी चुनाब है और हम उनका सन्मान करते है | जहाँ बताई विधिया और कहानियाँ पुरातन ग्रंथो और साधू संतो अदि से ही हम तक पहुचती है और इनमे विशवास करना मेरा निजी मत है | इस विधिओ के प्रयोग से पहले आप अपने गुरु से आज्ञा लेकर शुरू करे | *